कृष्ण जन्माष्टमी के शुभकामना संदेश हिंदी में
जन्माष्टमी एक प्रमुख भारतीय त्योहारों में से एक है जिसे भारत में हिंदुओं द्वारा हर साल मनाया जाता है जन्माष्टमी का त्यौहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन की याद में मनाया जाता है।
दुनिया भर के हिंदू इस अवसर पर अपने घरों को सजाते हैं बच्चे कृष्ण का रूप बनाकर दही हांडी को फोड़ते हैं भगवान श्री कृष्णा भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं जो द्वापर युग में राक्षसों तथा दुष्टों का संहार करने के लिए अवतरित हुए कृष्ण का जन्म राजा कंस के कारागार में मथुरा में हुआ था।
भगवान श्री कृष्ण के पिता का नाम वसुदेव तथा माता का नाम देवकी था भगवान श्री कृष्ण का बचपन नंद गांव, गोकुल तथा वृंदावन में बीता श्री कृष्णा बचपन में बेहद शरारती तथा नटखट थे श्री कृष्ण ने युवावस्था में राजा कंस का वध किया और अपने माता-पिता को कारागार से मुक्त कराया।
बाद में श्री कृष्ण द्वारका चले गए तथा उसे अपनी राजधानी बनाया महाभारत के युद्ध में श्री कृष्णा अर्जुन के सारथी बने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया जो आज भी सबसे उच्च कोटि की आध्यात्मिक तथा धार्मिक पुस्तक है।
भगवान श्री कृष्ण के जन्म के अवसर पर हम आपको आपके साथ कुछ शुभकामना संदेश बधाई संदेश साझा कर रहे हैं जिसे आप अपने दोस्तों तथा परिवार जनों को भेज सकते हैं आप इन्हें व्हाट्सएप स्टेटस फेसबुक पोस्ट तथा अन्य सोशल मीडिया पोस्ट के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
पीला कपड़ा किया है धारण मोर मुकुट भी पहनना है
नित्य करे संघ गोपियों के मुरली इनका गहना है
कान्हा रे थोड़ा सा प्यार दे
चरणों में बैठा के तार दे
जय श्री कृष्णा
रूप बड़ा प्यारा है
चेहरा बड़ा निराला है
बड़ी से बड़ी मुसीबत को
कन्हैया जी ने
पल भर में हल कर डाला है
नंद के आनंद भयो
जय कन्हैया लाल की
आनंद उमंग भयो
जय हो नंद लाल की
अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम
राम नारायणम जानकी वल्लभम
कौन कहता है भगवान आते नहीं
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं
वह सावला बांसुरी वाला ऐसी रास रचाए
सुध बुध अपनी खो दे गोपियां
मुरली ऐसी मधुर बजाए
जन्मदिन है आज उस नटखट
कान्हा जिसे सब लोग बुलाए
माखन चुराकर जिसने खाया
बंसी बजाकर जिसने नचाया
खुशी मनाओ उसके जन्म दिन की
जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया
माखन चोर नंद किशोर
बांधी जिसने प्रीत की डोर
हरे कृष्ण हरे मुरारी
पूजती जिन्हें दुनिया सारी
आओ उनके गुण गाए
सब मिलकर जन्माष्टमी मनाएं
पलके झुके और नमन हो जाए
मस्तक झुके और वंदन हो जाए
ऐसी नजर कहां से लाऊं मेरे कन्हैया
की आपको याद करूं और आपके दर्शन हो जाए
माखन का कटोरा मिश्री की थाल
मिट्टी की खुशबू बारिश की फुहार
राधा की उम्मीद कन्हैया का प्यार
मुबारक हो आपको जन्माष्टमी का त्योहार
गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो
राधा रमण हरि गोविंद बोलो
जय हो नंद लाल की
जय यशोदा लाल की
हाथी घोड़ा पालकी
जय कन्हैया लाल की
अधरम मधुरम वदनम मधुरम
नयनम मधुरम वदनम मधुरम
हृदयम मधुरम गमनम मधुरम
मधुराधिपते अखिलम मधुराम
गोविंदा आला रे आला
जरा मटकी संभाल बृजबाला
गोविंदा आला रे आला
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा
पितु मातु स्वामी सखा हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा
सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे!
तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम:
नटवर नागर नंदा
भजो रे मन गोविंदा
ना जी भर के देखा
न कुछ बात की
बड़ी आरजू थी
मुलाकात की
करो दृष्टि अब तो
प्रभु करुणा की
बड़ी आरजू थी मुलाकात की
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